नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने का केंद्र सरकार द्वारा लिए गये निर्णय की देश भर के लोगों ने सराहना की। वहीं कई लोगों ने सरकार के इस फैसले पर जश्न मनाये। इस निर्णय पर सभी दिग्गज नेताओं ने जमकर तारीफ भी की। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट के माध्यम से समर्थन दिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट में कहा कि- ‘मैं #जम्मूकश्मीर और #लद्दाख पर लिए गये फैसले और भारत के संघ में इसके पूर्ण एकीकरण का समर्थन करता हूं। बेहतर होता अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता। तब कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता था। फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं।’
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क्या है अनुच्छेद 370
- इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
- इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है।
- भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है, वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है।
- इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।
- भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
- जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं।
- कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
- कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।